
शहद: परिचय:-
शहद, मधुमक्खियों द्वारा एकत्र किया गया चिपचिपा और मीठा सिरप जैसा उत्पाद होता है जो मधुमक्खी पालकों के द्वारा इकट्ठा किया जाता है, और मधुमक्खी पालक किसान छत्ते को खेतों में ले जाकर और भी अधिक लाभ कमाते हैं, जहां वे "मधुमक्खियों" का उपयोग फसलों को परागित करने के लिए करते हैं। इसलिए मधुमक्खियां न केवल शहद की उत्पादक होती हैं बल्कि फसलों के परागण में सहायक भी होती हैं।
मधुमक्खियों द्वारा उत्पादित शहद के स्वाद में भी सूक्ष्मता हो सकती है। मधुमक्खियों की विभिन्न उप-प्रजातियां होती हैं, जिनमें से प्रत्येक से एक विशिष्ट प्रकार का शहद प्राप्त होता है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि पराग का स्रोत इससे प्राप्त शहद के स्वाद को प्रभावित करता है।
शहद की प्रकृति :-
शहद हल्का होता है। पेट में पहुँचते ही यह पच कर खून में मिल जाता है और शरीर को तुरंत शक्ति देता है। शहद को जिसके साथ मिलाकर सेवन किया जाए, यह उसी के समान प्रभाव दिखाता है, अर्थात गर्म चीजों के साथ लेने पर यह गर्म प्रभाव दिखाता है और ठंडी चीजों के साथ लेने पर ठंडा प्रभाव दिखाता है। शहद से चीनी भी निकलती है, इसलिए शहद में चीनी के दाने देखकर इसकी शुद्धता पर तुरंत संदेह नहीं करना चाहिए। शहद पर देश, काल और जंगल का प्रभाव भी होता है, इसलिए इसके रंग और स्वाद में अंतर होता है।
शहद खाने की विधि :-
शहद को दूध, पानी, दही, मलाई, चाय, टोस्ट, ब्रेड, फलों का रस, नींबू, या किसी भी अन्य वस्तु के साथ मिलाकर खाया जा सकता है। बरसात के मौसम में प्राकृतिक रूप से शहद का सेवन, सर्दियों में गर्म पेय के साथ, गर्मियों में ठंडे भोजन के साथ करना चाहिए।
शहद के सेवन में विशेष सावधानियां :-
शहद को कभी भी आग पर गर्म नहीं करना चाहिए। ज्यादा गर्म पानी में शहद मिलाकर पीने से उसके गुण नष्ट हो जाते हैं, इसलिए इसे गुनगुने दूध और पानी में ही मिलाना चाहिए।
शहद के सेवन से यदि कोई हानि दिखाई देती है तो नींबू के सेवन से ठीक हो जाता है।
शहद के सेवन में सबसे अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है और वह यह है कि शहद को घी, तेल या अन्य चिकना पदार्थ के साथ बराबर मात्रा में लेने से जहर बन जाता है और इससे व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए शहद का सेवन करते समय सावधान रहें।
ऐसे करें शुद्ध शहद की पहचान -
पानी में शहद की कुछ बूंदे डाल दें और अगर ये बूंदें पानी में रह जाएं तो शहद असली है और अगर शहद की बूंदों को पानी में मिल जाए या घुल जाएं तो शहद मिलावटी है।
रूई की बाती को शहद में भिगोकर जला दें, और अगर बाती जलती रहे तो शहद शुद्ध होता है।
एक जीवित मक्खी को पकड़कर शहद में डालकर दबा देना, यदि शहद शुद्ध हो तो मक्खी शहद में से निकलकर उड़ जाती है, क्योंकि शुद्ध शहद उसके पंखों से नहीं चिपकता।
शहद को कागज पर रखने से नीचे की तरफ कोई निशान नहीं पड़ता।
कुत्ता शुद्ध शहद नहीं खाता, वह भी शहद की शुद्धता की पहचान है।
शुद्ध शहद में सुगंध होती है, उत्तम शहद सर्दियों में जम जाता है और गर्मियों में पिघल जाता है, यही शुद्ध शहद की पहचान है।
शहद में कीटाणुनाशक गुण :-
शहद में पोटैशियम होता है, जो रोग के कीटाणुओं को नष्ट करता है। कीटाणुओं से होने वाले रोग जैसे टाइफाइड आदि। शहद से अनेक रोगों के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
शहद में मिनरल्स की मात्रा :-
शहद में आयरन-
शहद आयरन की मात्रा से भरपूर होता है। अगर त्वचा रूखी पीली है, तो यह खून में आयरन की कमी के कारण होता है। इसलिए सुबह-शाम भोजन के बाद थोड़ा सा पानी में शहद और नींबू का रस मिलाकर पीएं। आप दूध में शहद मिलाकर भी पी सकते हैं।
शहद में चीनी-
शहद में 50% तक ग्लूकोज, 37% फ्रुक्टोज, 2% सुक्रोज और उतनी ही मात्रा में माल्टोज, डेक्सट्रिन, गोंद और सुगंध होती है।
शहद में विटामिन की मात्रा-
शहद में विटामिन A, B2, B6 और विटामिन C होता है।
टॉनिक के रूप में शहद-
शहद में आवश्यक खनिज जैसे लोहा, तांबा, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सोडियम, फास्फोरस, सल्फर, आयोडीन, कैरोटीन और एंटीसेप्टिक तत्व भी होते हैं।
शहद में वो सभी तत्व होते हैं जो मानव शरीर को मजबूत रखने के लिए जरूरी होते हैं। शहद एक टॉनिक, गुणकारी औषधि है। लेकिन कितने लोगों को इसके गुणों के बारे में सही जानकारी नहीं होती है और वे जीवन भर कई अन्य स्फूर्तिदायक टॉनिक के चक्कर में बहुत सारा पैसा बर्बाद कर देते हैं। एक चम्मच शहद में 100 कैलोरी ऊर्जा होती है।
शहद तभी फायदेमंद होता है जब वह शुद्ध हो। शहद का उपयोग कई अन्य दवाओं के सेवन में माध्यम के रूप में किया जाता है।
फेफड़ों के रोगों में शहद का प्रयोग-
फेफड़ों के रोग जैसे ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, अस्थमा आदि में शहद फायदेमंद होता है। रूस में फेफड़ों के रोगों में शहद का अधिक प्रयोग किया जाता है।
अस्थमा में शहद का प्रयोग-
दो चम्मच प्याज का रस या गूदे में दो चम्मच शहद मिलाकर कमजोर व्यक्ति जिसके फेफड़ों में बलगम या कफ भरा हो और सांस लेने में तकलीफ हो, उसे खिलाने से तुरन्त आराम हो जाता है। यह पुराना नुस्खा है। शहद के सेवन से दमा और फेफड़ों के रोग दूर होते हैं। शहद फेफड़ों को मजबूत करता है।
शहद खांसी, गले का सूखापन और नसों के दर्द को ठीक करता है। छाती की घरघराहट को दूर करता है। केवल शहद का भी सेवन किया जा सकता है।
रक्त - विकारों में शहद का प्रयोग -
शहद खून को साफ कर नया खून बनाता है।
चेहरे पर दाने -
मैदा और शहद को मिलाकर पेस्ट बना लें, इसे चेहरे या पिंपल्स पर लगाएं।
यदि कोई चर्म रोग हो तो शहद की पट्टी बांधने से आराम मिलता है। दाद, खाज, फोड़े आदि चर्म रोगों में 40 ग्राम शहद को 300 ग्राम पानी में मिलाकर सुबह कुछ महीनों तक पीने से रक्त शुद्ध होता है।
खूबसूरती के लिए शहद का इस्तेमाल-
शहद त्वचा को मुलायम बनाता है।
एड़ी का फटना रोकने के लिए शहद का प्रयोग-
एड़ी फटने, तालू में छाले (बारिश के पानी के कारण पैरों में खुजली, फुंसी), उंगलियों की त्वचा का सड़ना, नाखूनों का टूटना आदि होने पर शहद को तीन से चार बार लगाना चाहिए।
एरीसिपेलस (छाजन या दाद) में शहद का उपयोग -
शुद्ध शहद को छाजन या दाद पर शहद लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
आग से जलने पर शहद का प्रयोग-
आग से जले हुए अंगों पर हल्का शहद लगाने से जलन कम हो जाती है। अगर घाव हो गया है, जब तक वह ठीक नहीं होता, तब तक शहद लगाने से जले हुए घाव भी ठीक हो जाते हैं। उपचार के बाद जले के सफेद धब्बे रह जाते हैं, उन पर शहद लगाकर पट्टी बांधने से दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं।
शहद से गठिया का उपचार-
गठिया से पीड़ित लोगों को लंबे समय तक शहद खिलाना चाहिए, यह बहुत फायदेमंद होता है। इससे जोड़ों का दर्द कम होता है।
शहद से दीर्घायु की प्राप्ति-
शहद शरीर को शक्ति और दीर्घायु प्रदान करने में मदद करता है। वृद्ध लोगों के लिए शहद सबसे अच्छा पौष्टिक भोजन है। यह बुढ़ापे की परेशानियों से बचाता है।
कब्ज दूर करने के लिए शहद का प्रयोग-
शहद एक प्राकृतिक खाद्य है। 50 ग्राम शहद को ताजे पानी या दूध में मिलाकर सुबह और सोने से पहले पिएं। शहद का पेट पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
शक्ति का स्रोत है शहद -
शहद के सेवन से नसों को ताकत, ऊर्जा और शक्ति मिलती है। समुद्र में काम करने वाले लोग, जिन्हें लंबे समय तक पानी में रहना पड़ता है, उन्हें यह शक्ति शहद से मिल सकती है।
शहद का सबसे बड़ा गुण थकान को दूर करना होता है।
चीनी पाचन अंगों को नुकसान पहुंचाती है, पेट में हवा बनाती है, लेकिन शहद हवा के निर्माण को रोकता है, मानसिक और शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है। सारे काम करने के बाद रात को या जब भी थकान महसूस हो तो आधा गिलास गर्म पानी में दो चम्मच शहद और नींबू का रस निचोड़ कर पियें, सारी थकान दूर हो जाएगी और आपको फिर से ताजगी मिलेगी।
मधुमेह में शहद का प्रयोग-
मधुमेह में मीठा खाने की तीव्र इच्छा हो तो शहद के सेवन से मूत्र में शर्करा जाने को रोका जा सकता है। चीनी की जगह थोड़ी मात्रा में शहद का सेवन करने से गुर्दे की पुरानी बीमारियों से बचा जा सकता है।
नेत्र रोगों में शहद का प्रयोग-
काला मोतियाबिंद, रतौंधी, आंखों का अंधापन जैसी भयानक बीमारियों से बचने के लिए शहद का प्रयोग बहुत फायदेमंद साबित हुआ है। रोजाना 5 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से लोग इस बीमारी से बच सकते हैं।
आधा सिर दर्द का इलाज-
अगर सूर्योदय से सिर दर्द शुरू हो जाए तो जैसे ही सूरज ढलने लगे, सिर दर्द बंद हो जाए, जहां दर्द हो रहा हो वहां से दूसरे नथुने में शहद की एक बूंद डालें, दर्द दूर हो जाएगा।
कभी-कभी आधे सिर में अचानक तेज दर्द होता है, रोगी को दर्द में उल्टी भी हो जाती है, उल्टी के बाद दर्द बंद हो जाता है। अगर यह दर्द बार-बार होता रहे तो रोजाना भोजन के समय दो चम्मच शहद लेने से दर्द नहीं होता है। कभी-कभी दर्द होने पर भी दो चम्मच शहद लेने से आराम मिलता है।
सुंदरता के लिए शहद का प्रयोग-
नींबू, शहद, बेसन और तिल के तेल का मिश्रण लगाने से त्वचा में प्राकृतिक निखार आता है और सुंदरता बढ़ती है।
गले में खराश का इलाज-
गले में सूजन होने पर एक चम्मच शहद दिन में तीन बार चाटने से लाभ होता है। अगर गले की आवाज शांत हो गई है तो एक कप पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर गरारे करने से आवाज ठीक हो जाती है।
नींद में रोने का इलाज-
अगर बच्चा नींद में रोए तो समझो अपच के कारण सपना देख रहा है, उसे मधु चटाओ, अपच दूर हो जाएगी और नींद में रोना बंद हो जाएगा।
क्षय रोग या टीबी में शहद का प्रयोग -
25 ग्राम शहद में 100 ग्राम मक्खन मिलाकर देना चाहिए।
एक चम्मच शहद में दो चम्मच देशी घी मिलाकर सेवन करने से शरीर की सड़न बंद हो जाती है और ताकत बढ़ती है।
हृदय शक्ति वर्धक के लिए शहद का प्रयोग -
पेट दर्द का इलाज -
तंत्रिका तंत्र के लिए शहद का प्रयोग-
हड्डी टूटने पर हड्डियों को जल्दी जोड़ने के लिए शहद का प्रयोग-
अनिद्रा दूर करने के लिए शहद का प्रयोग-
हाई ब्लड प्रेशर में शहद का इस्तेमाल-
खिलाड़ियों के लिए शहद का प्रयोग-
मोटापा कम करने के लिए करें शहद का इस्तेमाल-
मोटापा बढ़ाने के लिए शहद का करें इस्तेमाल-
गर्भावस्था में शहद का प्रयोग-
पुरुष शक्ति बढ़ाने के लिए शहद का प्रयोग-
बिस्तर पेशाब का उपचार-
ऐंठन का उपचार -
टाइफाइड और निमोनिया में शहद का प्रयोग-
पक्षाघात का उपचार -
पीलिया रोग में शहद का प्रयोग-
पेट में कीड़े का इलाज-
बच्चों के दांत निकलने की समस्या का इलाज-
सर्दी-जुकाम और इन्फ्लुएंजा का इलाज-
Conclusion:-

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